कागजों में ‘मरे हुए’ लेकिन ज़िंदगी से लड़ रहे हैं 400 बुज़ुर्ग प्रशासन की लापरवाही से पेंशन बंद, इलाज और रोटी तक के लाले।

Views कैफ़ी सुल्तान की खबर 
दूरदर्शन न्यूज 24/7
प्रधान संपादक 

प्रयागराज | बुढ़ापे में जब सहारे की सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है, तब अगर सरकारी सिस्टम ही आपको “मृत” घोषित कर दे तो ज़िंदगी ही सवाल बन जाती है। यही दर्द जिले के करीब 400 बुज़ुर्ग झेल रहे हैं, जिन्हें सरकारी कागज़ों में “मर चुका” बताया गया है, जबकि वे आज भी ज़िंदा हैं और रोज़मर्रा की लड़ाई लड़ रहे हैं।
समाज कल्याण विभाग की लापरवाही और ग्राम स्तर की राजनीति ने इन बुज़ुर्गों की ज़िंदगी उलट दी। सत्यापन के दौरान कई लोगों को बिना जांचे “मृत” घोषित कर दिया गया।
परिणाम — उनकी वृद्धावस्था पेंशन बंद, इलाज ठप और गुज़ारा मुश्किल हो गया।
प्रयागराज में इस समय 1.63 लाख पेंशनधारी हैं। वर्ष 2020 से 2025 के बीच हुए सत्यापन में 400 से अधिक बुज़ुर्गों को मृत बताया गया, जबकि वे पूरी तरह जीवित हैं।
कागज़ों में ‘मृत’, असल में ज़िंदा — पेंशन के लिए बुज़ुर्गों की कहानी।
केस 1 – शांति देवी (75 वर्ष), नसरतपुर, फूलपुर।
मई 2024 में मृत घोषित की गईं। जून से पेंशन बंद। खुद ब्लॉक ऑफिस जाकर बोलीं — “देख लो बेटा, मैं जिंदा हूं”, लेकिन अफसरों पर कोई असर नहीं हुआ।
केस 2 – किताबुनिशा (67 वर्ष)
बैंक में पेंशन न आने पर जब जानकारी ली तो पता चला कि वे “मृत” सूची में हैं। अब महीनों से विभाग के चक्कर काट रही हैं।
केस 3 – बैजनाथ (76 वर्ष)
पेंशन बंद होने की तारीख तक याद है। गुस्से में बोले — “सरकार पेंशन देती है लेकिन जब लेने जाओ तो कहते हैं, तुम मर चुके हो।”
केस 4 – धनपति (86 वर्ष)
डीएम के आदेश पर जांच हुई तो जीवित पाई गईं। अक्टूबर 2025 में पेंशन बहाल हुई, लेकिन बोलीं — “अब कौन भरोसा करे कि अगली बार फिर कागज़ों में नहीं मरूंगी।”
डीएम ने लिया संज्ञान।
मामला सामने आने के बाद समाज कल्याण विभाग ने सभी 400 बुज़ुर्गों की पेंशन दोबारा मंजूर कर शासन को रिपोर्ट भेजी है।
अब तक 53 लोगों की पेंशन बहाल हो चुकी है, जबकि शेष की प्रक्रिया जारी है।
डीएम के निर्देश पर एक पंचायत सचिव को निलंबित और विभाग के एक पर्यवेक्षक पर कार्रवाई की गई है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी बोले – “सत्यापन के दौरान 400 बुज़ुर्गों को मृत बताए जाने के बाद पेंशन बंद हुई थी। सभी की पेंशन पुनः मंजूर कर दी गई है। 53 को भुगतान हो चुका है, बाकी जल्द होगा। 
रामशंकर पटेल, जिला समाज कल्याण अधिकारी, प्रयागराज।